महत्वपूर्ण भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन एवं उसका इतिहास
महत्वपूर्ण भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन एवं उसका इतिहास
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन हमारे देश की इतिहास में एक बहुत महत्वपूर्ण अध्याय है। इस आंदोलन के दौरान हमारे देश के लोगों ने बेहद संघर्षपूर्ण एवं सफल अभियान चलाए जिससे वे अंग्रेजी शासन से आजादी प्राप्त कर पाए। यह आंदोलन 1857 के सिपाही विद्रोह से शुरू हुआ था जब भारतीयों ने अंग्रेजी शासन से आजादी की मांग को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया था।
1857 के बाद, भारत में अंग्रेजी शासन ने अपनी नीतियों में कुछ परिवर्तन किए थे। वे अपनी राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक नीतियों में सुधार करने के लिए प्रयास करने लगे थे। ये सुधार लोगों को धीरे-धीरे समझने और स्वीकार करने लगे थे। लेकिन इसके बाद भी भारत के कुछ लोग अंग्रेजों के शासन से पूर्णतः खुश नहीं थे। वे अपने देश को स्वतंत्र करने की मांग करते रहे।
इस दौरान भारत में अनेक राष्ट्रीय आंदोलन चले जिनमें कुछ असफल रहे जबकि कुछ सफल रहे। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण आंदोलनों के बारे में विस्तार से बताया जा सकता है।
स्वदेशी आंदोलन: इस आंदोलन का शुरुआत बंगाल में हुई थी। इस आंदोलन का मुख्य लक्ष्य था भारतीय उत्पादों का उपयोग करने की प्रोत्साहना देना। इस आंदोलन के दौरान लोग विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने का विरोध करते थे और स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने की मांग करते थे। इस आंदोलन में नेशनल कैदी और गांधीजी जैसे महान नेताओं ने भी अपना सहयोग दिया था।
असहिष्णुता के खिलाफ आंदोलन: इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य था हिंदू-मुस्लिम एकता को बनाए रखना। इस आंदोलन में लोगों ने धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं करने की मांग की थी। इस आंदोलन के दौरान अंग्रेज सरकार ने खास तौर पर असहिष्णुता के मामलों में सख्त कानून लागू किए थे।
गांधीजी का सत्याग्रह आंदोलन: महात्मा गांधी के नेतृत्व में यह आंदोलन भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले आंदोलनों में से एक है। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य था अंग्रेज़ों के खिलाफ अहिंसा के जरिए लड़ाई लड़ना। इस आंदोलन के दौरान लोग गांधीजी के साथ जुड़े थे और अंग्रेज़ों के विरुद्ध नागरिक अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रहे थे। इस आंदोलन के फलस्वरूप ब्रिटिश सरकार ने भारत से अपनी सत्ता हटा ली थी और भारत को स्वतंत्रता प्राप्त करने का मार्ग खुल गया था।
सविनय अवज्ञा आंदोलन: इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य था इंग्लैंड की शासनकाल में ब्रिटिश सरकार के अनुशासन विधि के खिलाफ लड़ाई लड़ना। इस आंदोलन के दौरान लोग अंग्रेज़ सरकार के नियमों को मानने से इंकार करते थे। गांधीजी के नेतृत्व में यह आंदोलन नौजवानों द्वारा चलाया गया था। इस आंदोलन के फलस्वरूप भारत संविधान में स्वतंत्रता के अधिकारों की सुविधाओं को शामिल करने का फैसला लिया गया था।
असहिष्णुता के विरुद्ध आंदोलन: भारत में अलग-अलग समुदायों के बीच असहिष्णुता की समस्या सदैव से होती रही है। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य था अलगाववाद और असहिष्णुता के विरुद्ध लड़ाई लड़ना। इस आंदोलन के दौरान लोग भारत के विभिन्न क्षेत्रों में असहिष्णुता के खिलाफ आवाज उठाते थे। इस आंदोलन के फलस्वरूप अलगाववाद के खिलाफ भारत में एकता बढ़ी और समग्र देश को संघटित रूप में देखने की अपेक्षा हुई।
आजादी की लड़ाई: भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई ने देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण योगदान किया है।
इस आंदोलन के दौरान भारत के राजनीतिक नेता विभिन्न तरीकों से स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे थे। इस आंदोलन के फलस्वरूप ब्रिटिश सरकार ने भारत को स्वतंत्रता दे दी थी और देश के लोगों को आजादी का सम्मान दिलाने के लिए भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने "त्रिकोण स्वतंत्रता" की घोषणा की थी।
इन सभी आंदोलनों के माध्यम से भारत के लोगों ने एक एक कदम से स्वतंत्रता की ओर अपनी क्रियाएं बढ़ाई। इन आंदोलनों के फलस्वरूप भारत आज एक स्वतंत्र और समृद्ध देश के रूप में उभरा है। इन आंदोलनों ने भारत को एक साथ लड़ने की ताकत दी और देश के लोगों को एक होने के लिए प्रेरित किया।
सारांशतः, भारत के राष्ट्रीय आंदोलनों ने देश को एकता की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन आंदोलनों के द्वारा भारत के लोगों ने एक साथ लड़ते हुए अपनी आजादी की क्रियाएं बढ़ाई और देश को एक स्वतंत्र देश के रूप में उभारा। इन आंदोलनों के लिए देश के वीर शहीदों ने अपनी जान न्योछावर की ताकि हम सब आज स्वतंत्रता के ताज में सिर ऊंचा कर सकें। आज हम सब उन वीरों का ऋणी हैं जिन्होंने हमारे लिए अपनी जान न्योछावर कर दी ताकि हम स्वतंत्रता के सपने को साकार कर सकें।
भारत के राष्ट्रीय आंदोलनों के द्वारा हम सब यह सच जानते हैं कि जहां सामूहिक शक्ति की ताकत होती है वहां कोई भी बाध्य नहीं हो सकता। भारत के राष्ट्रीय आंदोलनों की महत्वपूर्ण यादों को आज भी हम सब याद करते हैं ताकि हम सब एक होकर भारत को नए ऊंचाइयों तक ले जा सकें। इन आंदोलनों को याद करते हुए हम भारत माता की आराधना करते हैं और उन्हें धन्यवाद देते हैं जिन्होंने हमारे लिए स्वतंत्रता के सपने को साकार किया
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